प्रतिनिधी :मिलन शहा

मुंबई में 32 वर्षीय सरस्वती वैद्य अपने 56 वर्षीय लिव इन पार्टनर मनोज साने के साथ फ्लॅट fमें 3 साल से रहती थी। मनोज ने सरस्वती का कत्ल किया, फिर आरी से टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
पुलिस जब फ्लॅट पर पहुंची, तब तक सिर्फ पैर के अंग मिले। बाकी पूरी बॉडी को आरोपी नष्ट कर चुका था। हत्या की वजह स्पष्ट नहीं है। शव के टुकड़े कुकर में उबालने की बात भी सामने आई है।
वही मुंबई मे अकोला से पढाई के लिये मरीन लाईन्स हॉस्टेल मे रह रही 19 वर्षीय छात्रा कि अत्याचार कर हत्या के मामले मे सुरक्षा रक्षक कानोजिया का नाम आया in दोनो hi घटनाओ मे मृतक और आरोपी एक ही धर्म के है. पर किसी भी सुरत से इस जघन्य अपराध पr समाज को एकत्रित होकर पीडित लडकियों को न्याय के लिए उनके परिवार के सात खडे होना चाहिये. इस से पहले श्रद्धा पालेकर हत्याकांड मे आरोपी के धर्म को मीडिया ने हायलाईट कर मुद्दा लव्ह जिहाद का बनाने कि भरपूर कोशिश कि थी पर अब पीडित आरोपी एक ही धर्म के लोग होने कि वजह से यह साबित हुआ है कि अपराध और अपराधी का धर्म से कोई लेना देना नही होता है. इस घटना से क्या समाज और मीडिया बोध लेगा?