
प्रतिनिधी:कांचन जांबोटी
इको फ्रेंडली रंग से खेले होली और करे पर्यावरण का रक्षण स्पॅरोज शेल्टर संस्था का आवाहन…
होली के त्योहर पर रंगपंचमी मे अकसर केमिकल युक्त रंगो का उपयोग होता है।जीस से पर्यावरण का बहुत नुकसान होता है।बाजार मे अलग अलग चमकीले भडकीले केमिकल युक्त रंग सहज मिलते है। जिस्से पर्यावरण की बडे पयमाने मे हानी तो होती है पर इस से स्किन रोग, आंखो की रोशनी जाना और कान मे जाने से कान के परदे पर भी इस का दुष्परिणाम होता है। इस का उपयोग न करे बलकी नैसर्गिक रंग और इको फ्रेंडली रंग का उपयोग करे ऐसा आवाहन पक्षीयो के संरक्षण व संवर्धन के लिये काम करने वाली संस्था ‘स्पॅरोझ शेल्टर’ संस्था ने नागरिको से किया है।होली मे जलाने के लिये लकडी का ईस्तेमाल न करे इस के लिये जंगल से झाड तोडे जाते है।दिन ब दिन बारिश की समस्या और बदलते तापमान और मौसम की वजह से कई गावो मे अकतुबर के महिने से टँकर के माध्यम से पाणी की व्यवस्था की जाती है। इस पर हमे विचार करना चाहीये की हमने क्या हासील किया.आज हम प्रण करे की हम आगे एक भी झाड नही तोडेनगे । अबकी होली मे बिखेरेंगे नैसर्गिक रंग और मनाऐंगे पर्यावरण पूरक होली।ऐसा आवाहन स्पॅरोज शेल्टर’ के अध्यक्ष.प्रमोद माने ने किया।साथ ही उनहोने आवाहन किया है की जखमी चिडीया या पक्षी दिखे तो मोबाइल नं:9867633355 पर संपर्क करने का आवाहन किया है।