मध्य रेल के गौरवशाली 70 वर्ष पूर्ण 5 नवंबर को 71वा स्थापना दिवस..

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प्रतिनिधी:मिलन शाह


GIP रेलवे के उत्तराधिकारी, मध्य रेल ने अपने स्थापना दिवस के गौरवशाली 70 साल पूर्ण किये और दिनांक  5 नवंबर को  71 वें वर्ष में पदार्पण किया है।मध्य रेल के महाप्रबंधक  अनिल कुमार लाहोटी ने मध्य रेल के 71वें स्थापना दिवस पर रेल यात्रियों, उपयोगकर्ताओं और रेल कर्मियों को हार्दिक बधाई दी है।


एशिया (और भारत) में पहली ट्रेन  शनिवार,दिनांक 16 अप्रैल, सन1853 को मुंबई और ठाणे के बीच चली। जैसे-जैसे समय  बीततता गया, ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे का विस्तार हुआ। सन1900 में GIP रेलवे कंपनी के साथ इंडियन मिडलैंड रेलवे कंपनी के विलय के साथ, इसकी सीमाये उत्तर में दिल्ली, उत्तर-पूर्व में कानपुर और इलाहाबाद और पूर्व में नागपुर से दक्षिण-पूर्व में रायचूर तक फैली हुई थीं। इस प्रकार, मुंबई से कनेक्शन के माध्यम से भारत के लगभग सभी हिस्सों से जुड़ गया। GIP रेलवे का रूट माइलेज 1,600 (2575 किमी) था। 
5 नवंबर 1951 को निजाम  स्टेट ,सिंधिया स्टेट ,औऱ धोलपुर स्टेट को एकीकृत करके मध्य रेल का गठन किया गया थावर्तमान में, मध्य रेल में 5 मंडल यानी मुंबई, भुसावल, नागपुर, सोलापुर और पुणे हैं. मध्य रेल का नेटवर्क महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में 4,151 रूट किमी में फैला हुआ है और इसमें कुल 471 स्टेशन हैं।
मध्य रेल ने पिछले 70 वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उनमें से कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं: पहली शताब्दी एक्सप्रेस, पहली जन शताब्दी एक्सप्रेस, पहली तेजस एक्सप्रेस और पिछले साल प्रारंभ हुई पहली किसान रेल। मध्य रेल निरंतर विकास की औऱ सतत अग्रसर है।मध्य रेल की आरम्भिक लदान जो गठन के समय 16.58 मिलियन टन थी अब वर्ष 2020-21 में बढ़कर 62.02 मिलियन टन हो गई है। वर्ष 2021-22 में, अप्रैल-अकतुबर में 41.02 मिलियन टन ने अपना अब तक का उच्चतम माल लदान हासिल किया है। उपनगरीय सेवाएं भी 1951 में 519 से बढ़कर 2021 में 1814 हो गई हैं।
मुंबई की उपनगरीय सेवाये मुंबई की जीवन रेखा हैं। मध्य रेल ने उपनगरीय नेटवर्क में लगातार बढोत्तरी की है और वर्तमान में मध्य रेल पर चार कॉरिडोर हैं। उपनगरीय सेवाएं जो 3 कोच से शुरू हुई थी, धीरे-धीरे बढ़कर 9 कोच, 12 कोच और 15 कोच वाली कुछ सेवाये हो गई हैं। यात्रा को अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बनाने के लिए वातानुकूलित उपनगरीय सेवाये भी शुरू की गई हैं। इसके अलावा नई रेलवे लाइनों का निर्माण, दोहरीकरण, कई जगहों पर तीसरी लाइन, विद्युतीकरण, पुलों का निर्माण, नये स्टेशनों का निर्माण आदि बुनियादी ढांचे के कार्य तेज गति से किए जा रहे हैं.
मध्य रेल ने भी कई चुनौतियों का सामना किया है और मजबूत होकर सामने आई है। चाहे भारी बारिश हो, 26×11 आतंकी हमला हो या कोविड-19 की गंभीर चुनौती, हमारे समर्पित कर्मियों ने इन चुनौतियों का सामना करने और उनसे पार पाने के लिए कड़ी मेहनत की है। “अनिल कुमार लाहोटी” महाप्रबंधक,मध्य रेल ने कहा कि आने वाले वर्षों में अपने यात्रियों और ग्राहकों को सुरक्षित और समय पर सेवा प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। प्रेस वार्ता मे यह जानकारी दि गयी।


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