प्रतिनिधी:सुरेश बोरले
सुरोंके बादशहा पद्मश्री मेहरूम,मोहम्मद रफी साहबकी 44 वी! पुण्यतिथी की अवसरपर, सोओल्फुल स्याटरडे ग्रुप की ओरसे,गानोंका रंगारंग कार्यक्रम.

हिंदी फिल्म जगतके बहोतही महान गायक ऑर हिंदुस्थानी फिल्म दुनिया के हमसफर!जिंनका इस फिल्मी जगत को सुवर्ण युग मे ढालने बहोत ही महत्वपूर्ण भूमिका है.1980 उंनका इंतकाल होनेके बाद! ना तो ऐसा सुरोंका सर्ताज पैदा हुआ.ये एक बेमिसाल बात है.स्व.रफी साहबकी! इस 44 पुण्यतिथी के अवसरपर,विले पार्ले स्थित प्रबोधनकार ठाकरे रांगमंचपर, मरहुम ,रफी साहाबकी याद मे,उनके एकसे एक गानोंका कार्यक्रम बहोतही शान से सोलफुल सॅटर्डे की ओरसे ,पेश किया गया.इस अवसरपर, रफी साहाबको
चाहनेवालोने बडे पैमानेपर उपस्थित रहकर रफी साहब को आदरांजली पेश कि.आखिर मे मोहम्मद रफी तू हर रोज याद आता है..