शिरढोण स्थित संग्राम होटल मालिक की दयानतदारी की हो रही चौतरफा प्रशंसा।।

प्रतिनिधि:कांचन जाम्बोटी
प्रतिनिधि:पनवेल ‘ग्राहक देवो भव’ इस तरह के बोर्ड व्यवसायिक अस्थापनाओ पर हर जगह लगे मिल जाते है। पर शिरढोण के ‘संग्राम होटल’ने अपने ग्राहक के भूले हुए ₹3लाख लौटकर प्रत्यक्ष रूप से इस “ग्राहक देवो भव”यह अपने कार्य से सिद्ध किया। ग्राहकों का समाधान यही हमारा लक्ष्य सामने रख कर इस होटल की स्थापना स्वर्गीय नारायण शेठ बालू भोपी जी ने की थी।आज उनके सुपुत्र ने प्रत्यक्ष रूप से इस उदाहरण को अपने कार्य और चरित्र से सिद्ध कर अपने स्वर्गीय पिता कि आत्मा को सुख पहुंचाया है।और अपने स्वर्गीय पिता के बताये हुए रास्ते पर वह चलरहे है इसका आदर्श उदाहरण समाज के सामने पेश किया।पेण तालुका के शिर्की गाव के भूतपूर्व सरपंच कल्पेश पाटील ये शिरढोण गाव की बगल में स्थित “संग्राम हॉटेल”मे शनिवार, दि. 15 जनवरी को शाम को भोजन के लिए गये थे।नमक व्यापारी कल्पेश नमक बेचकर जो पैसे उनको मिले थे।वह एक थैली में रख कर होटल संग्राम में घर वापसी की जल्दी में वह रुपये से भरी थैली वही भूल गये। होटल कर्मचारियों के संज्ञान में जब यह बात आई तो उन्होने मालिक को बताई।मालिक संग्राम भोपी ने तुरंत मिले हुए पैसे सुरक्षित जगह रख कर यह पता लगाने की कोशिश की यह रुपयों से भरा थैली किस ग्राहक की है। यह पता लगाने की कोशीश की तब पता चला कि शिर्की के कल्पेश पाटील यह रुपये से भरी थैली भूल जाने की बात समझते ही उन्हों ने तुरंत पेन में अपने रिश्तेदारों के जरिये पाटिल को संपर्क करने का प्रयत्न किया। इसी समय पेन से उनको इस संदर्भ में फोन आया तो उन्होंने यह पैसे पूरी तरह सुरक्षित है यह जानकारी दि । रविवार, दि.16 जनवरी को अपने खोये हुए रुपये मिलने पर कल्पेश पाटील ने संग्राम होटल के मालिक संग्राम भोपी इनको धन्यवाद देते हुए उनकी ईमानदारी की प्रशंसा की।और उनका व्यवसाय दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करे ऐसी प्रार्थना की।
“संग्राम भोपी”संग्राम होटल मालिक”प्रामाणिक तरीके से और ईमानदारी से काम करने से व्यवसाय में वृद्धि और प्रगति होती है। यह शिक्षण हमारे स्वर्गीय पिता नारायण शेठ बालू भोपी इन्होंने सिखाया था।उसे प्रत्यक्ष रूप से जीवन मे अमल करने का प्रयत्न करते है। हमारे कर्मचारी भी यही मानते है कि ग्राहक का विश्वास ही सच्ची दौलत होती है ।