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उत्तर प्रदेश मे चुनावी माहोल।मे गर्मी का पारा चढरहा है।ऐसे मे BSP की सुप्रीमो और भूतपूर्व मुख्यमंत्री कुमारी मायावती और उनके सबसे करिबी और BSP मे दुसरे नंबर के नेता के तौर पर जाने वाले सतीश चंद्र मिश्रा उत्तर प्रदेश के चुनाव नही लढने का फैसला किया है। इस घोषणा से उत्तर प्रदेश की राजनीती इस विषय को लेकर लोगो मे चर्चा चल रही है।साथ ही मायावती के भतीजे आकाश आनंद भी चुनाव नही लढेंगे ऐसी जानकारी प्राप्त हुयी है। वही BSP महासचिव सतीश चंद्र मिश्राकी पत्नी कल्पना और पुत्र कपील मिश्रा भी चुनावी लढाई से दूर रहेंगे।
इस्के पिछे मायावती BSP कॅडर को संदेश देना चाहती है की पार्टी के लिये कोई भी त्याग देकर कांशीराम जी के 85%मिशन को आगे बढाना चाहती है।और इस तरह बहुजन समाज मे BSP को फिर से उभारना और ज्यादा से ज्यादा सीट जीत कर किंग मेकर की स्थिती मे पहूंच कर अपना लोहा मानवाने के अलावा चुनाव न लढकर अपना ज्यादा से ज्यादा समय विरोधीयो को घेरने के लिये और अपनी पार्टी के उम्मीदवारो को जिताने का प्रयास करना भी है। अब यह आने वाला समय ही तय करेगा की इसका फायदा कितना होता है या नुकसान। लेकीन इस से संगठन मे और कॅडर मे जरूर उत्साह और मजबुती मिलेगी ल